Bajrang Baan PDF Free Download – बजरंग बाण का पाठ इन हिंदी लिरिक्स

“Bajrang Baan” is a powerful prayer dedicated to Lord Hanuman, seeking his blessings and protection. If you’re looking for a PDF version of the “Bajrang Baan,” you can easily find it online by searching for “Bajrang Baan PDF” in your preferred search engine.

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BAJRANG BAAN LYRICS PDF IN HINDI – बजरंग बाण हिंदू धर्म से सम्बंधित एक पौराणिक ग्रंथ है। यह रामचरित मानस में समाविष्ट है और हनुमान जी को समर्पित है। Bajrang Baan In Hindi इसे भक्तियोग, ध्यान और मनःशक्ति के लिए पढ़ा जाता है। इस बाण के वाचन से भक्त को भय, उदासीनता और असंतोष का नाश होता है और उसे आत्मविश्वास, शक्ति और संतुलन की प्राप्ति होती है। बजरंग बाण भगवान हनुमान की कृपा से समस्त कष्टों से मुक्ति दिलाता है और शुभकार्यों की सिद्धि में सहायता करता है।

Bajrang Baan PDF Free Download – बजरंग बाण का पाठ इन हिंदी लिरिक्स


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बजरंग बाण किसने लिखा | WHO WROTE BAJRANG BAAN?

BAJRANG BAAN LYRICS PDF IN HINDI बजरंग बाण का निर्माण महाकवि तुलसीदास जी ने किया है। यह रामचरितमानस के एक अंश में समाविष्ट है जो हनुमान चालीसा के बाद आता है। यह बाण भक्ति और मनःशक्ति के लिए एक शक्तिशाली उपासना मानी जाती है जो हनुमान जी को समर्पित है।

बजरंग बाण पाठ कैसे करें | BAJRANG BAAN KA PATH KAISE KARE

बजरंग बाण को पाठ करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें: Bajrang Baan Ka Paath

  • सबसे पहले अपने शुद्ध और पवित्र मन से पूजन करें। आप अपनी पसंद के अनुसार हनुमान जी को ध्यान में रख सकते हैं।
  • अपने जपमाला को लेकर बैठें और ध्यान केंद्रित करें।
  • बजरंग बाण का पाठ शुरू करने से पहले, अपने मन को शुद्ध और एकाग्रत करने के लिए अनुग्रह करें।
  • बजरंग बाण को धीरे-धीरे पढ़ें और ध्यान रखें कि आप हर शब्द को सही उच्चारण कर रहे हैं।
  • पाठ के अंत में, आप अपने मन को हनुमान जी के लिए एक दिया प्रज्ज्वलित कर सकते हैं और उनसे आशीर्वाद मांग सकते हैं।

Bajrang Baan Lyrics In Hindi बजरंग बाण को निरंतर एक माला के रूप में 21 बार या अधिक बार पाठ किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप बजरंग बाण का सही रूप से पाठ कर रहे हैं, आप किसी धार्मिक गुरु से सलाह ले सकते हैं। Bajrang Baan Lyrics

श्री बजरंग बाण का पाठ इन हिंदी लिरिक्स

दोहा :
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

चौपाई :
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥
इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

दोहा :
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

Bajrang Baan Book In Hindi Download

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